कल्कि के गुरु – कल्कि पुराण के अनुसार, परशुराम, भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के गुरु होंगे और उन्हें युद्ध की शिक्षा देंगे। वे ही कल्कि को भगवान शिव की तपस्या करके उनके दिव्यास्त्र को प्राप्त करने के लिए कहेंगे।
कल्कि का जन्म कहाँ होगा – कल्कि पुराण में “कल्कि” अवतार के जन्म और परिवार की कथा इस प्रकार है – “शम्भल नामक ग्राम में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण निवास करेंगे, जो सुमति नामक स्त्री के साथ विवाह करेंगें और दोनों ही धर्म-कर्म में दिन बिताएँगे। कल्कि अल्पायु में ही वेदादि शास्त्रों का पाठ करके महापण्डित हो जाएँगे। बाद में वे जीवों के दुःख से कातर हो महादेव की उपासना करके अस्त्रविद्या प्राप्त करेंगे।”
कल्कि का विवाह किसके साथ होगा – कल्कि का विवाह बृहद्रथ की पुत्री पद्मादेवी के साथ होगा।